Wednesday, July 23, 2014

अच्छे दिन आने वाले हैं ......

एक स्कूल में नया हेड मास्टर आया . पहले दिन उसने Assembly में सिर्फएक बात कही. अब मैं आ गया हूँ. अच्छे दिन आने वाले हैं .
अब स्कूल में किसिम-किसिम के लड़के थे और किसिम-किसिम के मास्टर. अच्छे दिन की परिकल्पना सबकी अलग अलग होती है.
हेड मास्टरने आते ही डंडा चढ़ा दिया. सबसे पहले अनुशासन का डंडाचढ़ाया. कोई लेट नहीं आएगा. सब प्रॉपर यूनिफार्म में आयेंगे. कोई एब्सेंट नहीं होगा. कोई क्लास बंक नहीं करेगा. कोई इधर उधर आवारा नहीं घूमेगा. सब मास्टर घंटी लगते ही क्लास में पहुँचो. कायदे से पढाओ. कोई मास्टर स्कूल में पान नहीं खायेगा. इम्तहान में नक़ल नहीं होगी. कामचोर निकम्मे मास्टरों को लगा की बड़े बुरे दिन आ गए. अच्छे अध्यापकों को लगा की अब आयेगा मज़ा. अब स्कूल जैसा लगता है. अब मैं कायदे से पढ़ाऊंगा. वाकई अच्छे दिन आ गए. उसी तरह आवारा लड़कों के तो दुर्दिन आ गए. समय से आना. कोई उत्पात नहीं. सिर्फ पढाई पढाई पढाई. अच्छे लड़कों को लगा की वाकई अच्छे दिन आ गए. स्कूल का माहौल बढ़िया हो गया. खूब अच्छी पढाई होने लगी.
फिर साल भर बाद जब रिजल्ट आया तो सबको पता लगा की वाकई अच्छे दिन आ गए थे. आवारा लड़के और निकम्मे मास्टरों ने भी मजबूरी में ही सही, अनुशासन में रह के काम किया था, पढाई की थी, सो रिजल्ट अच्छा ही आया था . शुरू में कुछ दिन लगेगा की ये कैसे दिन आ गए. पर बाद में सबको पता चलेगा की अच्छे दिन आये हैं.